रायपुर: छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों, विशेषकर बस्तर और सरगुजा में, ई-कुबेर भुगतान प्रणाली को अव्यावहारिक बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने चेतावनी दी है कि इससे लाखों आदिवासी परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई इस प्रणाली के कारण आदिवासी मजदूरों को अपनी मेहनत की मजदूरी निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बस्तर संभाग के कई गांवों में बैंक की शाखाएं 70-80 किलोमीटर दूर हैं, और वहां भी बैंकिंग सेवाएं अक्सर अनुपलब्ध रहती हैं।
ई-कुबेर प्रणाली से भुगतान में होने वाली दिक्कतों का जिक्र करते हुए वर्मा ने कहा कि कई क्षेत्रों में मजदूरों को बताया जाता है कि राशि का भुगतान हो चुका है, लेकिन वह राशि उनके खातों में नहीं पहुंचती। इससे आदिवासी मजदूरों की आजीविका पर संकट उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और साक्षरता दर को देखते हुए इस तरह की प्रणाली न केवल असंगत है, बल्कि आदिवासी परिवारों के आर्थिक हितों के खिलाफ भी है। वर्मा ने मांग की है कि इस अव्यावहारिक व्यवस्था को तुरंत समाप्त किया जाए ताकि आदिवासी समुदाय को उनकी मेहनत का उचित भुगतान मिल सके।