Wednesday, March 12, 2025
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राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की 5वीं बैठक सम्पन्न, व्यापारियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय

राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य अमर पारवानी ने बताया कि विगत दिनां नई दिल्ली राजधानी के वाणिज्य भवन में राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की 5वीं महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघी ने की। इस बैठक में 9 विभिन्न मंत्रालयों के जॉइंट सेक्रेटरी भी मौजूद थे। बैठक में करीब 20 राज्यों के बोर्ड सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में बजट 2025 के तहत व्यापारियों को मिलने वाले लाभों पर विस्तृत चर्चा हुई।

पारवानी ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम विकसित भारत संकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी ने समावेशी और लाभकारी बजट 2025-26 के लिए पीएम माननीय मोदी जी का आभार व्यक्त किया, जो एमएसएमई व्यापारियों का समर्थन करेगा और व्यापार करना आसान बना देगा। बोर्ड ने बजट के सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। खुदरा व्यापारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए नौ मंत्रालयों के बोर्ड सदस्यों और अधिकारियों से सुझाव एकत्र किए गए।

पारवानी ने बताया कि जल्द ही हर राज्य में व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। जिससे भारत के प्रत्येक जिले तक व्यापारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इससे देश की आर्थिक प्रगति को और गति मिलेगी। अमर पारवानी ने छत्तीसगढ के व्यापारियों के लिए अहम मांग उठाई। उन्होंने बताया कि टैक्स से बचा हुआ पैसा व्यापारियों के परिवारों के खर्च में आएगा, जिससे व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। जिससे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदीजी का सपना सब का साथ, सब का विकास सार्थक होगा।

पारवानी ने छत्तीसगढ में व्यापारियों को राहत देने के लिए अनेक मांगें भी रखी, जिनमें ट्रेड लाइसेंस, लेबर लॉ और जीएसटी एवं जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की व्यवस्था, व्यापारियों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का शीघ्र क्रियान्वयन आदि शामिल रहा। पारवानी ने बताया कि दिल्ली में हुई यह बैठक व्यापारियों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। पारवानी ने मांग की है, कि एमएमएई में उद्योगपतियों को जो लाभ मिलता है। वहीं लाभ सभी व्यापारियो को भी मिलना चाहिए। क्योकि इसमें सरकार और व्यापारी समुदाय के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए ठोस निर्णय लिए गए।

पारवानी ने आगे बताया कि 43 बी एच के मुद्दे पर भी विचार करने की मांग की ओर कहा कि 45 दिन में कोई व्यापारी पेमेन्ट नहीं दे पाता है और व्यापारियों को मॉल बेचने के लिए उधार में मॉल बेचना ही पड़ता है। जीएसटी मे 6 महीने का उधार है और जब तक व्यापारी शिकायत नहीं करता तब तक जीएसटी विभाग दखल अंदाजी नहीं करता । 43 बीएच में भी पेमेन्ट का लेन देन 6 महीने का होना चाहिए। सायकल पार्ट्स पर भी जीएसटी 5 प्रतिशत होना चाहिए।

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