
रायपुर। विद्युत कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शुक्रवार को डंगनिया मुख्यालय के गेट के सामने पदोन्नति में आरक्षण और अन्य सांगठनिक मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे 10 मार्च को क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी यदि उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो 17 मार्च से वे अनिश्चितकालीन सामूहिक धरने पर बैठ जाएंगे।
प्रदर्शन में आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव इंजीनियर जी.के. मंडावी, अध्यक्ष इंजीनियर आर.एल. ध्रुव, सुमीत चौहान, कोषाध्यक्ष मनहरण चंद्रवशी समेत सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी शामिल थे।
कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा 16 अप्रैल 2024 को जारी किए गए हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार, आरक्षण नियम 5 को अधिसूचित करने के लिए पिंगुआ कमिटी का गठन किया गया था। इसके बावजूद, विद्युत कंपनी प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ शासन से अनुमोदन प्राप्त किए बिना सामान्य पदोन्नति प्रक्रिया को काल्पनिक वरिष्ठता के आधार पर लागू किया है।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने 2004 से वरिष्ठता सूची में संशोधन करते हुए, 24 वर्ष पहले की काल्पनिक वरिष्ठता को आधार बनाकर सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी है। इससे वरिष्ठ अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश 16 अप्रैल 2024 से लागू होने वाला था, न कि भूतलक्षी प्रभाव से।
कर्मचारियों का कहना है कि पावर कंपनी ने उच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर पदोन्नति आदेश जारी किए हैं, जो पूरी तरह से अनुचित है।