
रायपुर। राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 5-6 के बीच अचानक बैट्री कार पलटने से उसमें बैठे बुजुर्ग यात्री घायल हो गए। घटना के दौरान घायल बुजुर्ग प्लेटफार्म पर लहूलुहान पड़े रहे, जबकि एक महिला बुजुर्ग बेहोश हो गईं। कुछ यात्रियों ने उन्हें संभाला और हवा देकर होश में लाने की कोशिश की। इसी बीच सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेन के आने पर यात्री रवाना हो गए।
घटना के बाद रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने घायल बुजुर्गों को फर्स्ट एड बॉक्स से मलहम पट्टी करने की कोशिश की। हालांकि, घायल व्यक्तियों को तत्काल राहत देने के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं दिखी, जिससे स्टेशन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
रायपुर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 50,000 यात्री यात्रा करते हैं और 115 ट्रेनों की आवाजाही होती है। स्टेशन पर बुजुर्गों की संख्या भी कम नहीं है, ऐसे में इस प्रकार की घटनाओं का घटित होना कोई नई बात नहीं है। रेलवे प्रशासन ने पहले यह निर्णय लिया था कि अब एक 108 एबुलेंस का संचालन रेलवे स्टेशन से किया जाएगा और इसके लिए वीआईपी गेट के पास एक स्टैंड भी निर्धारित किया गया था। हालांकि, यह एबुलेंस स्टेशन पर कभी उपलब्ध नहीं हुई और रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कुछ महीने पहले, पत्रिका द्वारा इस मुद्दे पर खबर प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद कुछ समय तक एबुलेंस स्टेशन पर रखी गई थी, लेकिन फिर यह एबुलेंस भी स्टेशन से गायब हो गई। अब एक बार फिर रेलवे प्रबंधन ने 108 एबुलेंस संचालन समिति को पत्र भेजकर इस सेवा की बहाली की मांग की है, क्योंकि यह सुविधा भारत सरकार के अंतर्गत आती है।
घटना के बाद रेलवे स्टेशन प्रबंधन के सदस्य अमर फुटाने तुरंत पहुंचे और घायल बुजुर्ग यात्रियों के इलाज की व्यवस्था शुरू की। फर्स्ट एड बॉक्स से दवा दी गई और मलहम लगाया गया, लेकिन खून का बहना बंद नहीं हो सका। बताया गया कि बैट्री कार के चालक नेहरू लाल यादव ने बताया कि बैट्री कार की स्टेयरिंग फेल हो गई थी, जिससे यह दुर्घटना घटित हुई।
रेलवे स्टेशन पर ऐसी घटनाओं के बाद बेहतर व्यवस्थाओं की मांग को लेकर यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।