
रायपुर। रायपुर जिला एनएसयूआई द्वारा आज रायपुर कलेक्टोरेट में एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें 7 अप्रैल 2025 को हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में निष्पक्ष जांच की मांग की गई। ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष तारिक अनवर खान के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया, जिसमें पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की अपील की गई।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि रायपुर कलेक्टोरेट परिसर में एक महिला आरोपी की पेशी के दौरान एसआई चित्रलेखा साहू और एएसआई संतोष यादव के साथ अभद्र व्यवहार किया गया, और मीडिया एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से उन्हें दोषी ठहराने की कोशिश की गई, जबकि जांच अभी जारी है।
एनएसयूआई ने यह भी आरोप लगाया कि अधिवक्ताओं द्वारा जेल वारंट को फाड़ने की गंभीर घटना सामने आई है, जो विधि के खिलाफ है। यदि यह घटना सत्य पाई जाती है, तो कानूनी कार्यवाही की सख्त आवश्यकता है।
ज्ञापन में निम्नलिखित मुख्य मांगें रखी गईं:
-
पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए।
-
जांच पूरी होने से पहले किसी पुलिस अधिकारी पर मानसिक या प्रशासनिक दबाव न बनाया जाए।
-
यदि अधिवक्ताओं द्वारा जेल वारंट फाड़ने की घटना प्रमाणित होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
-
पुलिस विभाग का मनोबल बनाए रखने हेतु प्रशासन संतुलित रुख अपनाए।
एनएसयूआई ने प्रशासन से अपील की कि वह तटस्थ दृष्टिकोण से इस प्रकरण की तह तक जाकर सभी तथ्यों को सामने लाए, ताकि न्याय हो सके और किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।
ज्ञापन के दौरान एनएसयूआई के जिला सचिव संस्कार पांडेय, अनुज अग्रवाल, आशीष भाजपाई, आदिल, दादू, फैज, धीरू सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।