
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब धरना-प्रदर्शन की बात कर रही है, जबकि असल में उन्हें देश की जमीन और फंड लूटने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रसाद ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कॉर्पोरेट षड्यंत्र का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि कैसे 2008 में आर्थिक रूप से विफल हो चुके इस अखबार को पुनर्जीवित करने के नाम पर कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को दिए, जो पूरी तरह से गैरकानूनी था।
यंग इंडिया बना गांधी परिवार का माध्यम
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस ने एक नई कंपनी ‘यंग इंडिया’ बनाई जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हिस्सेदारी 38-38% रखी गई। इसके माध्यम से सिर्फ 50 लाख रुपये देकर हजारों करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया। इसमें दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, भोपाल और पटना की संपत्तियां शामिल हैं।
चैरिटी के नाम पर व्यापार?
उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस ने यंग इंडिया को चैरिटी संस्था बताया था, लेकिन अब तक उससे कोई भी चैरिटेबल कार्य सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि “यह गांधी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट है, जहां 3 करोड़ में खरीदी गई जमीन को 58 करोड़ में बेचा जाता है।”
ईडी की जांच और अदालत की प्रक्रिया
प्रसाद ने बताया कि इस पूरे मामले में ईडी द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं से पूछताछ की जा चुकी है। कोर्ट में मामला लंबित है और अगली सुनवाई 21 अप्रैल को निर्धारित है। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि यदि वे निर्दोष हैं तो वे कानून की प्रक्रिया से डर क्यों रहे हैं?
इतिहास और विरासत का दुरुपयोग
प्रसाद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड कभी सिर्फ नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा, इसमें देश के स्वतंत्रता सेनानियों और आम लोगों की भागीदारी थी। उन्होंने सरदार पटेल और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी अखबार की आर्थिक मदद की थी, लेकिन आज यह एक पारिवारिक व्यापार का अड्डा बन चुका है।
कांग्रेस पर कड़ा प्रहार
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया और ईडी को धमकाने की भाषा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह देश की विधिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह मामला अदालत में है और कानूनी प्रक्रिया जारी है तो कांग्रेस पार्टी को धरना देने और विरोध करने की क्या जरूरत है?