
रायपुर। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट दाखिल होने के बाद देशभर में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने एकात्म परिसर, रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के आचरण पर गंभीर सवाल खड़े किए।
“धरना-प्रदर्शन अपराध संरक्षण का नया हथियार बन गया है”
देव ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर जो देशभर में धरना-प्रदर्शन किया है, वह जनता का ध्यान भटकाने और न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस को प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन जब स्वयं गांधी परिवार बेल पर है और सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली, तो क्या प्रदर्शन कर कानून को झुकाने की कोशिश की जाएगी?”
नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीट दाखिल
ईडी ने हाल ही में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। देव का आरोप है कि कांग्रेस ने हजारों करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का षड्यंत्र रचा और अब धरना-प्रदर्शन को ढाल बना रही है।
कांग्रेस से भाजपा के 5 सीधे सवाल
प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कांग्रेस से पांच अहम सवाल पूछे:
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जहाँ कानून अपना काम कर रहा है, वहाँ कांग्रेस धरना-प्रदर्शन क्यों कर रही है?
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क्या गांधी परिवार पर कानून लागू नहीं होता?
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क्या गांधी परिवार देश के संविधान से ऊपर है?
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क्या कोर्ट में लंबित मामले पर सड़कों पर प्रदर्शन करना न्यायालय की अवमानना नहीं है?
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क्या प्रदर्शन के जरिए गांधी परिवार न्यायपालिका पर दबाव बनाना चाहता है?
“कांग्रेस को लूट की छूट नहीं”
देव ने तीखे लहजे में कहा,
“कांग्रेस को जमीन और सरकारी फंड लूटने का अधिकार नहीं है। पीएम मोदी के शासनकाल में जांच एजेंसियाँ स्वतंत्र हैं और कानून अपना काम कर रहा है।”
उन्होंने कांग्रेस पर झूठा नैरेटिव फैलाने, जनता को गुमराह करने और भ्रष्टाचार की जांच को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया।
प्रेस वार्ता में शामिल अन्य नेता
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, प्रवक्ता संदीप शर्मा, रायपुर शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, अनुराग अग्रवाल, और उमेश घोरमोड़े भी मौजूद थे।
पृष्ठभूमि:
नेशनल हेराल्ड केस लंबे समय से अदालत में लंबित है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों के ट्रांसफर को लेकर गंभीर आरोप हैं। भाजपा इस मामले में कार्रवाई को न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा मान रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है।