मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल व पूर्व केन्द्रीय मंत्री शहीद विद्याचरण शुक्ल की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने पंडित शुक्ल के छत्तीसगढ़ में योगदान को याद करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रीय आंदोलनों में उन्होंने शीर्ष भूमिका निभाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में देश की आजादी के लिए जन-जागरूकता लाने का महत्वपूर्ण काम किया। श्री बघेल ने कहा कि रविशंकर जी अच्छे वकील, राजनेता होने के साथ ही अच्छे वक्ता और लेखक भी थे। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद रियासतों के विलय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें आधुनिक मध्यप्रदेश का निर्माता भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षिक क्षेत्र में अभिनव प्रयत्नों के लिए पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान स्थापित किया है। पुरोधा के रुप में दी गई उनकी सीख हमेशा हमें रास्ता दिखाती रहेगी। छत्तीसगढ़ की उन्नति और यहां सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए रविशंकर जी के प्रयास चिरकाल तक याद किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्री विद्याचरण शुक्ल को याद करते हुए कहा कि कुशल राजनेता और प्रशासक के रूप में विद्याचरण जी जाने जाते हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के रूप में कई सालों तक छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। भारत सरकार के मंत्री के रूप में उन्होंनेे संचार, गृह, रक्षा, वित्त, योजना, विदेश, संसदीय कार्य मंत्रालयों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली। केन्द्रीय मंत्री के रूप में विद्याचरण जी ने देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के विकास की राहें भी प्रशस्त की। झीरम घाटी नक्सली हमले में विद्याचरण जी की शहादत छत्तीसगढ़ कभी भुला नहीं पाएगा। छत्तीसगढ़ के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।