पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 15 अगस्त के मौके पर देश को लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया. पीएम मोदी ने आजादी के नायकों को याद करते हुए देश के संकल्पों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि हम आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं. लिहाजा अगले 25 साल बाद जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब भारत के लिए 5 संकल्प जरूरी हैं. पीएम मोदी ने कहा, पहला संकल्प है- विकसित भारत. इससे कम हमें मंजूर नहीं. दूसरा प्रण किसी भी कोने में, हमारे मन के भीतर गुलामी का अंश बाकी नहीं रहना चाहिए. सैकड़ों साल तक गुलामी ने हमें जकड़ कर रखा था, सोच में विकृतियां पैदा कर रखी हैं. हमें गुलामी की कोई छोटी चीज भी नजर आती है तो उससे मुक्ति पानी ही होगी.
तीसरा प्रण है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. ये विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम इतिहास दिया. पीएम मोदी ने चौथी प्रण शक्ति के तौर पर एकता और एकजुटता को बताया. उन्होंने कहा, 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता जरूरी है. कोई पराया नहीं है. पांचवा प्रण पीएम मोदी ने नागरिकों का कर्तव्य बताया. उन्होंने कहा, इसमें पीएम-सीएम भी बाहर नहीं होते हैं, वे भी देश के नागरिक होते हैं. जब सपने बड़े होते हैं, तब संकल्प बड़े होते हैं.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनको भुला दिया गया था. आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया.
भारत है लोकतंत्र की जननी
लाल किले से पीएम मोदी ने कहा, हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है. 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए. आज़ादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला.
भारत लोकतंत्र की जननी है. मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी. लाल किले से देश को नौंवी बार संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, अश्फाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी.