
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सेक्स सीडी कांड मामले में बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के बाद उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है और उन पर लगाई गई सभी धाराएं हटा दी गई हैं।
क्या है सेक्स सीडी कांड?
सेक्स सीडी कांड का मामला पहली बार अक्टूबर 2017 में सामने आया था। इसमें दावा किया गया था कि वीडियो में तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत शामिल हैं। इस मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके बाद दिल्ली से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया था। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की साजिश बताया था।
सितंबर 2018 में इस मामले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को भी गिरफ्तार किया गया था। उन पर साजिश रचने का आरोप लगा था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में जमानत लेने से इनकार कर दिया था। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए थे।
राजनीतिक असर और फैसला
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिला और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने। सेक्स सीडी कांड में मुख्य आरोपी कैलाश मुरारका, पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा, भूपेश बघेल, विजय पांड्या और विजय भाटिया को आरोपी बनाया गया था। जबकि इस मामले के आरोपी रिंकू खनूजा की मौत हो चुकी है।मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बरी कर दिया गया। इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे में खुशी की लहर है और समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताया है।