
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को आस्था और श्रद्धा का अनुपम संगम देखने को मिला। महादेव घाट स्थित पावन खारुन नदी के तट पर आज मां खारुन गंगा महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। इस दिव्य अनुष्ठान में मुख्य पुरोहित आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी के नेतृत्व में 108 ब्राह्मणों ने एक साथ खड़े होकर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ महाआरती की।
मंत्रों की गूंज और घंटा-घड़ियालों की ध्वनि से पूरा महादेव घाट भक्तिमय वातावरण में डूब गया। हजारों श्रद्धालु इस अद्वितीय दृश्य के साक्षी बने और मां खारुन के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।
आस्था का केंद्र बनता महादेव घाट
महादेव घाट जनसेवा समिति के अनुसार, प्रतिदिन शाम को होने वाली महाआरती अब एक बड़ा धार्मिक आकर्षण बनती जा रही है। रायपुर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि होने से महादेव घाट एक उभरते धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है।
स्थानीय व्यापारियों, नाव चालकों, फेरीवालों और प्रसाद विक्रेताओं को भी इसका सीधा आर्थिक लाभ मिल रहा है।
भक्तों को मिली शांति और ऊर्जा
श्रद्धालुओं का कहना है कि इस आरती में शामिल होकर उन्हें अद्भुत शांति, ऊर्जा और आंतरिक सुख की अनुभूति होती है। जगमगाते दीप, गूंजते जयकारे और भक्तों का उत्साहजनक समर्पण इस आयोजन को और भी अलौकिक बना देते हैं।
भविष्य की योजनाएं
आयोजकों ने बताया कि आने वाले दिनों में महाआरती को और भी भव्य और व्यवस्थित बनाने की योजना है। इसमें शामिल हैं:
-
भजन संध्याएं
-
धार्मिक प्रवचन
-
सांस्कृतिक कार्यक्रम
-
घाट की सफाई, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम
समापन विचार
मां खारुन गंगा महाआरती अब केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जनसामान्य की सामूहिक आस्था और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है। यह आयोजन रायपुर को एक नई सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान दिला रहा है।