मुख्यमंत्री ने कल के बच्चे का वीडियो सार्वजनिक सभा में जारी किया। और बताया कि बच्चे ने उन्हें गाली दी।
ऐसा कहते हुए सीएम ने उस बच्चे को बजरंग दल का सदस्य भी बताया।
सीएम ने परसों कहा कि बजरंग दल को ठीक कर देंगे।
ऐसे में उस बच्चे को बजरंग दल का सदस्य बताने कर उसका वीडियो सार्वजनिक करने के पीछे सीएम की मंशा काफ़ी ख़तरनाक लगती है।
न केवल किसी बच्चे का ऐसा उपयोग क़ानूनन अपराध है बल्कि इससे बालक की सुरक्षा को भी गंभीर ख़तरा हो सकता है।
मुख्यमंत्री वास्तव में राष्ट्रवादी और सनातन संगठनों से डर गए हैं। बौखलाहट में वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। एक ज़िम्मेदार संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह आपा खो देना नींदनीय है।
भाजपा विधि विशेषज्ञों से विमर्श कर रही है। अगर ज़रूरी हुआ तो इस संबंध में बाल संरक्षण आयोग में सीएम के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने समेत अन्य क़ानूनी विकल्पों पर भी विचार करेगी।